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Monday 11 March 2013


11 march 2013

इंसाफ गृह में आई परिवर्तन की लहर



परिवर्तन होना आवश्यक होता है.....पर आजकल कुछ औसे अचम्भित कर देने वाले परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं कि उनका क्या कहना .......आजकल  सरकार कुछ ऐसी पल्टियां मार रही है कि उनका क्या कहना......एक तरफ तो अजूबा जो सोच ना सको वैसा होता है......दूसरी ओर मन में सवाल उठता है कैसे हो गया.......एक नहीं 2 बार......दुनिया चौंक गयी शनिवार की सुबह....जिन लोगों ने भी अपने घर के टी वी सेटस आन किये होंगे.....उन्हें यकीन ही नहीं हुआ होगा.....कि 9 फरवरी 2013 की सुबह तिहाड़ जेल में गुपचुप तरीके से अफजल गुरु को फांसी की सजा दे दी गयी........ठीक है राष्ट्रपति ने  उसकी दया याचिका खारिज कर दी थी.......पर ये पहली बार नहीं हुआ.....ऐसी ही एक और तारीख भारतवासियों ने हाल ही में देखी और उस दिन राष्ट्रप्रेम के गाने एफ में पर चलाये जा रहे थे.......जैसे देश को आजादी जब मिली थी वैसा सेलिब्रेशन हो रहा था......जगह जगह खुशी का माहौल था........जी हां तारीख थी 21 नवम्बर 2012 की सुबह जब खबर आयी कि कसाब को फांसी दे दी गयी है....उसका अंत हो गया तो जैसे प्रभावित परिवारों ने राहत की सांस ली और सूकून मिला कि उन्हें न्याय मिल गया और हादसे के शिकार लोगों के आत्मा को शांति मिली होगी......

सुशील कुमार शिंदे गृह मंत्री ये विभाग इनका ही है......एक ओर तो सही लगता है कि देश के गुनाहगारों को सजा मिल रही है पर कुछ बातें ऐसी हैं जो खटकती हैं.......वो ये कि शव की कोई तस्वीर क्यूं नही मीडिया के सामने आया.....सिर्फ तथ्य चलाये गये.....आज एक और मामला सामने आया राम सिंह का....जो देश के सबसे बड़े जघ्य अपराध का मुख्य आरोपी था......दामिनी का जिसकी शिकार वो लड़की 16 दिसम्बर को दिल्ली में हुई थी.....देश कराह उठा....हेमामालिनी ,अमिताभ बच्चनऔर जया बच्चन तो संसद में रो उठीं......इस कांड से कोई अछूता नहीं रहा......आज उसका भी अंत हो गया....देश की सबसे तगड़ी जेल तिहाड़ जेल में उसे रखा गया था......कई ट्रायल भी हो चुके थे....साकेत कोर्ट में पेशी होनी थी.....पर राम सिंह ने फांसी लगा ली ......क्यों क्या वो इतना खुद से उब गया था....पर उसके वकील का कहना था कि वो जरा भी डिप्रेस नहीं था....ना ही उसे कोई पछतावा था.....तो क्यों किया उसने ऐसा.....?
क्या सरकार इन अपराधियों और आतंकियों को फांसी देकर वोट बैंक और आनेवाले 2014 के चुनाव की पृष्ठभूमि तैयार कर रही है वोट बैंक की राजनीति.....ऐसा इसलिए कह रही हूं क्योंकि देश ये समझ नहीं पा रहा कि आखिर सरकार जिन फैसलों को इतने दिन से कोई खास तवज्जो  नहीं दिया.....फिर सरकार हैरान परेशान सी इतनी जल्दबाजी क्यों दिखा रही है.....पहले कसाब, फिर अफजल गुरु...अब राम सिंह....खैर राम सिंह का किस्सा थोड़ा अलग है ......पर तिहाड़ की सुरक्षा में चूक से ये कांड हुआ है...या सरकार ने एक एक करके ऐसे फैसले देश में लेने का अद्भूत निर्णय ले लिया है........जहां देश की जनता एक महीने से भी उपर देश की राजधानी सह पूरे देश में जागृति की लहर दौड़ायी कि महिलाओं के प्रति अपनी धारण पुरुष वर्ग बदले.......पर बाकी 5 अपराधियों का हश्र भी क्या कुछ ऐसा ही सामने आने वाला है.......क्या शिंदे साहब ने एक एक करके सारे अपराध की गुत्थियों को सुलझाने का बीड़ा गृह मंत्रालय ने उठा लिया है.....तो अच्थी बात है...पर कब तक के लिए....जब तक चुनाव नहीं हो जाते हैं....और कुर्सी नहीं मिल जाती कांग्रेस को......बेहतर तो ये होता शिंदे सर.....की ऐसा कानून आपकी सरकार बनाती जिसे पूरा देश सराहता और देश की महिला जनता खुद को सुरक्षित महसूस करती तो वोट बैंक खुद ब खुद बन जाता ...क्यों.......ठीक कह रही हूं ना......आपको क्या लगता है........

SARVAMANGALA MISHRA
9717827056

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