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Tuesday 12 March 2013


12 march 2013




संसद क्यों नहीं चली.....



संसद नहीं चली....जी हां ये कोई नयी बात नहीं और ना ही पहली बार हुआ है....पर मेरे बात उठाने का मकसद ये है  कि संसद जो देश की जनता के खून पसीने की कमायी से चलती है वो संसद उनका पैसा क्यों बर्बाद करती है....सरकार हर चीज पर टैक्स लगाती है...एक सामान के लिए न जाने हम कितनी बार उन्हें टैक्स देते हैं.....फिर भी सरकार का खजाना खाली और नेताओं का खजाना भर्ती....ये कैसा मखौल है देश की जनता के साथ....?

ये राजनेता जो देश के प्रतिनिधि हैं जनता के सेवक ....पर उनके पैसों पर ही ऐशो आराम होता है ...वो धूप में पसीना बहाकर पैसे कमाता है..और वो ए सी में धूप के मजे लेते हैं....गरीब की जमीन मारकर पूंजीपति, मालिक और धनी मानियों की लिस्ट में नाम शुमार हो जाता है..... वो गरीब जनता, बेसहारा और कानून और सरकार के आसरे न्याय की गुहार लगाता है..... सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी अध्यक्षा, उनकी सुपुत्री प्रियंका गांधी वाड्रा जो हमेशा चुनाव के समय नजर आती है गरबों की मसीहा बनकर.....लगती भी हैं...हम सभी को उनके अंदर इंदिरा गांधी की छवि प्रतिबिम्बित होती है......पर उनके पति राबर्ट वार्ड्रा ने ये क्या किया....राजस्थान में जमीन घोटाला....देश क्या कम बर्बाद हो रहा है...खैर इतना आश्चर्य करने वाली भी कोई बात नहीं ...क्योंकि हर पार्टी के शासनकाल के दौरान ऐसा वाकया सामने आता है...चाहे बी एस पी हो या कांग्रेस.....आर्दश जमीन घोटाला.....और न जाने कितने......तो क्या ये समझा जाय कि राजनेता का रिश्तेदार दूर बैठकर ही सारे खेल खेल सकता है.....या वो एक हथियार है नेता का......या मजबूर नेता और उनका रिश्तेदार.....

कहने का मतलब है कि आज 12 मार्च 2013 को कई कारणों से संसद नहीं चली...रावर्ट वार्ड्रा के जमीन घोटाले को लेकर संसद में हंगामा...फिर इटली के नेवी के बंदों ने जो भारतीय मछुआरों की हत्या कर डाली..उस पर भी हंगामे के कारण संसद ठप्प रही...पर एक अच्छी बात हुई वो ये कि संसद में सोमवार को कार्यालयों में होने वाले यौन उत्पीड़न को रोकने वाले बिल को पास कर दिया। इसमें महिला कर्मचारी से छेड़खानी, नौकरी का झांसा देना.... यौन संबंध बनाने का दबाव, अश्लील फिल्म या क्लिपिंग दिखाना, अश्लील टिप्पणी करना आदि को शामिल किया गया है। इसके पीछे सरकार का मकसद कार्यालयों में महिलाओं के साथ हो रहे दु‌र्व्यवहार को रोकने का है।महिलाओं का कार्यस्थल पर उत्पीडन (निवारण) प्रतिबंध एवं प्रतितोष विधेयक 2012 पर राज्यसभा में पारित संशोधनों को सोमवार को लोकसभा में भी मंजूर कर लिया गया। इससे महिलायें निर्भय होकर घर के बाहर काम कर सकेंगी......पर संसद हर सीजन में ऐसे ही विश्राम करती है.....इतना सरकार और विपक्ष सदन को विश्राम करायेगी अपने कारनमों पर पर्दा डालने के लिए तो देश का विकास कैसे होगा.....फिर तो आज क्रूज मिसाइल जिस तरह अपने पथ से भटक कर गिर गयी शायद यही हश्र हो सकता है हमारे देश का भी.....क्या ये सहन हो पायेगा हम सबसे अपने सामने अपने देश की बर्बादी का नजारा देख पायेंगें......आप ही बताओ.....देश कहां जा रहा है.....क्या हो रहा है संसद में , देश में मानवता में...संस्कृति मर रही है विकास दिशाहीन हो रहा है....मानवता शर्मसार हो रही है.....क्या यही सपना देखा था आजादी के समय बापू ने या उन सभी बलिदानियों ने.........सोचो आप भी और मिलकर कुछ करो...आप भी और मैं भी क्यों......सहमत हैं ना आप सब मुझसे......

Sarvamangala Mishra


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