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Thursday 4 April 2013


040413

2014 के रिंग में कौन तगड़ा...




सी आई आई के अधिवेशन में राहुल गांधी ने बोला पर क्या बोला इस पर असमंजस की स्थिति बनी हुई है....
भाजपा कहती है कि असमंजस में पड़े युवा लीडर हैं....और मोदी का डर उनमें साफ झलकता है...मोदी एक ऐसा नाम जो अपने आपमें नाम लेते ही विरोधियों में असमंजस की स्थिति और डर पैदा कर दे......देश के नागरिकों के लिए मोदी एक चहेते नेता, दमदार भाषण, उन्मुक्त गंगा की तरह साफ संत छवि वाले मोदी को चाहनेवोलों की आज कमी नहीं.....हाल ही में गठित हुई राजनाथ की 2014 वाली टीम में मोदी ने अपनी ताकत की धौंस जमाकर जनता का विश्वास एक बार फिर जीत लिया है.....लोगों को आज की तारीख में उनसे बेहतर और प्रबल दावेदार प्रधानमंत्री पद के लिए कोई नहीं...62 साल के मोदी गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री हैं....और लोकसभा चुनाव 2014 में होने हैं...ऐसे में ऐसी दावेदारी चमत्कारी है.....तो राहुल बाबा 1970 में धरती पर अवतरित हुए थे....फासला हर चीज का पर कमी शायद उत्साह और सही मार्गदर्शन की है.....राहुल बाबा को.....पर ये कमी नहीं खलती मोदी में.....बुद्धिजीवी वर्ग मानता है कि मोदी सशक्त, प्रबल और मजे खिलाडी हैं राजनीति के....पर क्या मजी शतरंज की चाल जनता को लुभा पायेगी.....आज मोदी ने गांधीनगर से इतनी तेज बोली बोली कि पूरे देश में आवाज घर घर पहुंच गयी.....देश का कर्ज चुकाना चाहता हूं.....हां ये ऐसे शब्द हैं जो हर क्रांतिकारी और सपूत अपना फर्ज मानता है.....तो राहुल गांधी का डर लाजमी है....
उधर दूसरी ओर मुलायम सिंह यादव का हाल कहीं पे निगाहें कहीं पे निशाना – जी हां पूरी सत्ता का मजा खुज ही लेना चाहते हैं मुलायम जी..
सुपुत्र राज्य को संभाल रहे हैं....तो पिताजी खुद पहले देश का पहला व्यक्ति बनने का सपना देख रहे थे तो अब देश का दूसरा व्यकित बनने का ख्वाब जग गया है.....एक बार आडवाणी जी की तारीफ करते हैं तो एक बार किसी और की.....वक्त अभी भी है और पता नहीं और बिजली के कितने झटके लगने वाले हैं..........
मैं कहना ये चाहती हूं कि क्या राहुल गांधी क्या मोदी सभी कहीं न कहीं एक सिक्के के दो पहलू हैं...सभी को सत्ता चाहिए....इसलिए मोदी जी ने इतने साल की रुठी पत्नी को मनाया या धमकाया पता नहीं ....माताजी को भी मुख्यमंत्री आवास में आकर रहने के लिए आग्रह किया है...तो राहुल गाधी ने माटी ढोयी मजदूरों के साथ.....तस्तरियों में खाने वाला इंसान रोटी खाई गरीब के घर.....पर चाहिए सत्ता...फिर जनता का क्या....
उसे वही गरीबी झेलनी है....और नेताओं के चक्कर काटने हैं...और अगले पांच साल बाद यही सोचेगा इस बार यार दूसरी नई वाली पार्टी को मौका देकर देखते हैं.........क्यूं....सही कहा ना......

sarvamangala mishra
9717827056

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