आई पी एल- जी हां दर्शकों
के लिए खेल और व्यापारियों के लिए उनका व्यापार....पर व्यापार में भी लोग चल रहे
हैं शतरंज की चाल......हां यी है ये जेंटलमेंन गेम के बदले हुए स्वरुप का सच....ललित
मोदी जो इसके जन्मदाता हैं एक तरह से...कारावास झेल रहे हैं लंदन में.....मुझे
लगता हे लंदन को वनवास स्थान घोषित कर दिया जाय तो अनुपयुक्त नहीं होगा....क्योंकि
किसी भी देश का व्यक्ति हो वनवास झेलने लंदन ही जाता है बेनजीर भुट्टो, नवाज शरीफ,
मुशर्रफ या अपने ललित मोदी जी....!!! खैर इस पर चर्चा किसी और आर्टिकल में करुंगी.......
कहानी कुछ यूं शुरु होती है
दिल्ली पुलिस ने मई के इस तपते महीने को और गर्म बना दिया...ये खुलासा कर कि आई पी
एल के मैचों में स्पाट-फिक्सिंग हो रही है.....जिसमें उभरते जबरदस्त सितारे
श्रीसंथ, अजीत चण्डिला और चवन का नाम सामने आया....फिर क्या सबका ध्यान सबसे बड़े
घोटाले पर टिक गयी.....दिल्ली पुलिस पर हर उठी उंगली मानो नीचे गिर गयी....क्योंकि
16 दिसम्बर के बाद और उसके बाद एक पर एक मुद्दे सामने आ रहे थे और दिल्ली पुलिस और
शीला सरकार को जनता की नजरों में झुकाये चले जा रहे थे......दिल्ली पुलिस कमिश्नर
नीरज कुमार....जो अभी थोड़े ही दिनों में रिटायर होने वाले हैं......अपने ऊपर से
सारे कलंक मानो धो लिये हों......
पर, सवाल उठता है कि पुलिस
पहले इतनी सतर्क क्यों नहीं थी....क्यों नहीं आई पी एल 5, 4, 3,2 और 1 में हुए
घोटालों से जनता और सरकार को अवगत कराया......क्या दिल्ली पुलिस ये सबकुछ जानते
हुए भी अपने मुंह पर ताला लगाये बैठी थी....तो अब दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार
को किसकी हरी झंड़ी मिली जो उन्होंने ये खुलासे किये.....??? आखिर किसके कहने
पर.......क्या इस पर नीरज जी कुछ बोल पायेंगें......शीला दीक्षित जी ने करप्श्न के
इतने मामले सामने आने पर ये कहकर पल्ला झाड़ लिया था कि दिल्ली पुलिस हमारे अंडर
में नहीं आती.....तो किसके अंडर में आती है मैम...सवाल ये भी उठता है कि नीरज
गुप्ता जी के पास और ऐसे कितने रिकार्डस या टेप उनहोंने टैप करवाये हैं पर खुलासा
एक का भी नहीं किया.....क्या इस खुलासे को राजदार से जनतादार करने का मकसद अपने
रिटायरमेंट के पहले छवि को सुधार लेना है......क्या सिर्फ इस एक अहम बड़े कुलासे
के साथ सारी गल्तियां माफ.... मतलब सात खून माफ क्योंकि एक को बक्श दिया.....इसके
पहले दिल्ली पुलिस ने कितने कांड़ों का खलासा किया है......तब क्या दिल्ली पुलिस
सो रही थी......या इस एक उपल्ब्धि के बाद फिर सो जायेगी....क्योंकि हर घोटाले के
बाद एक्यूज्ड बरी हो जाते हैं.....जाहिर सी बात है जब सर पर बड़े बड़ों का नाम हो
तो रास्ते खुल जाते हैं....पर यहां तो खुद बड़े बड़े ही शामिल हैं तो मजबूर दिल्ली
सरकार और बेबस जनता क्या कर लेगी......आप ही बताओ गलत कहा है तो......
सर्वमंगला मिश्रा
9717827056
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